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द इंडिया स्पीक्स डेस्क
रागी जत्थे कीर्तन में झूमी संगत, इतिहासकार खोजी ने दिखाए सिख गुरुओं के प्राचीन हथियार
बड़वाह (खरगोन)।
सिखों के आठवें गुरु श्री गुरु हरिकिशन साहेब जी का प्रकाश पर्व शनिवार को बड़वाह गुरुद्वारे में धार्मिक श्रद्धा, ऐतिहासिक चेतना और संगत की गूंज के साथ उल्लासपूर्वक मनाया गया। सुबह और शाम दो विशेष दिवान आयोजित किए गए, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति रही।
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सुबह दिवान: कीर्तन से आरंभ, रागी भाई बुध सिंह के नेतृत्व में ‘आसा दी वार’
सुबह के सत्र में गुरुद्वारे में भाई बुध सिंह जी के नेतृत्व में स्थानीय रागी जत्थे द्वारा संगीतमय ‘आसा दी वार’ का कीर्तन प्रस्तुत किया गया। इस दौरान सरदार रविंदर सिंह, सरदार मनप्रीत सिंह, सरदार सतविंदर सिंह, सरदार जसपाल सिंह, सरदार रमनदीप सिंह एवं सरदार रिक्की सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे।
शाम दिवान: हथियारों की झलक, कथावाचन से रोमांच
शाम को आयोजित विशेष सत्र में पंजाब से पहुंचे सिख इतिहासकार एवं कथावाचक भगवान सिंह खोजी भाई जसकरण सिंह के साथ मंच पर उपस्थित हुए। उन्होंने सिख गुरुओं के द्वारा उपयोग किए गए प्राचीन हथियारों जैसे गुरु गोबिंद सिंह जी का हस्तलिखित हुकमनामा, नानकशाही सिक्के, छठे गुरु की ढाल और कटार का प्रदर्शन किया। कथावाचन के दौरान संगत के रोंगटे खड़े हो गए और पूरा परिसर “बोले सो निहाल… सत श्री अकाल” के जयघोष से गूंज उठा।
पुष्प वर्षा से स्वागत, श्रद्धालुओं के लिए लंगर

कार्यक्रम की शुरुआत में बड़वाह संगत ने ज्ञानी जी व हथियारों की झांकी का पुष्प वर्षा से स्वागत किया। आयोजन समिति के अध्यक्ष सरदार रविंदर सिंह, सचिव सरदार मनप्रीत सिंह और सरदार सतविंदर सिंह ने सभी श्रद्धालुओं और अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के अंत में श्रद्धालुओं के लिए गुरुद्वारे में लंगर का आयोजन किया गया।