📞 7772828778 | 📩 Email: editor@theindiaspeaks.com
बड़वाह, 13 जुलाई 2025 — “संगीत जब साधना बन जाए, तो हर स्वर आत्मा को छूता है।” इसी भावना के साथ नर्मदा मालवा सांस्कृतिक कला मंच द्वारा सनातन रेस्टोरेंट में रविवार रात एक भव्य सुरमयी संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कराओके ट्रैक्स पर लोकप्रिय हिंदी गीतों के माध्यम से गायकों की प्रतिभा को तराशा गया।
🎤 सूरों की आराधना से हुआ कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें मंच के अध्यक्ष मनोज शर्मा और “निमाड़ की लता मंगेशकर” कही जाने वाली रेखा ओसवाल समेत कई कलाकार शामिल हुए।
संरक्षक कपिल तिवारी ‘गड़बड़’, विशेष अतिथि सुधीर सेंगर, कविवर रवींद्र बर्वे, वरिष्ठ गायक अरुण शर्मा, और दर्जनों संगीतप्रेमी श्रोताओं की गरिमामयी उपस्थिति ने आयोजन को गौरवशाली बना दिया।
📞 7772828778 | 7723024600
🎶 हर गायक बना मंच का सितारा, सुरों की झड़ी से सजी शाम
अध्यक्ष मनोज शर्मा ने गणेश वंदना से माहौल को भक्तिमय किया, वहीं कोषाध्यक्ष पुष्पेंद्र रावल ने मुरली पर मधुर भजन प्रस्तुत किया।
प्रसिद्ध गायक-गायिकाओं की शानदार प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया:
रेखा ओसवाल और जे.पी. श्रीवास्तव का “मेघा रे मेघा रे…”
प्रवीण श्रीमाली का “चल री सजनी…”
अदिति दुबे और मनोज शर्मा की जुगलबंदी “देखा एक ख्वाब तो ये सिलसिले हुए…”
प्रिया चक्रवर्ती ने “यारा हो यारा…” से झूमने पर मजबूर किया।
सुनील भालसे और रेखा वर्मा का “परदेसिया ये सच है पिया…”
पंकज और अंकिता कुमुद दंपति ने “अगर आसमां तक मेरे हाथ जाते…” से दिल जीता।
हर कलाकार को दो-दो गीत प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया, जिससे पूरी रात संगीत से सराबोर रही।
💬 “गायन एक साधना है, जो रियाज़ से बनती है”
विशेष अतिथि सुधीर सेंगर ने कहा, “कराओके ट्रैक पर गाना आसान नहीं, लेकिन निरंतर रियाज़ से हर गायक अपनी लय और सुर को निखार सकता है।” उन्होंने मंच के प्रयासों को सराहा और सभी को संगीत के प्रति समर्पण बनाए रखने की प्रेरणा दी।
अध्यक्ष मनोज शर्मा ने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य गायकों के बीच एकता, सौहार्द और सुरम्यता का वातावरण बनाना है। मंच स्वतंत्रता दिवस पर देशभक्ति गीतों की संगीतमय प्रस्तुति की भी योजना बना रहा है।
👏 कवि, शिक्षक और श्रोताओं ने भी की सराहना
कविवर श्री दूबे ने मंच को तन-मन-धन से सहयोग का आश्वासन दिया और अपनी मौलिक रचना से सबको प्रेरित किया।
श्रोताओं में शिक्षाविद महेश कनासे, सुनील भालेकर, डा. रमेशचंद्र यादव, गोविंद शर्मा, रघुनाथ धारेकर और आशिष चौहान विशेष रूप से उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का संगीतमय संचालन मंच के उपाध्यक्ष जयप्रकाश श्रीवास्तव ने किया और आभार प्रदर्शन सुपर सिंगर मनीष बर्वे द्वारा किया गया।