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खरगोन|सनावद|इंडिया स्पीक्स डेस्क
नशा निरोधक दिवस सप्ताह के अंतर्गत मंगलवार को न्यायालय परिसर, सनावद में एक विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, न्यायालय मंडलेश्वर के आदेश तथा तहसील विधिक सेवा समिति, न्यायालय सनावद के निर्देशानुसार संपन्न हुआ।
कार्यक्रम में श्रीमान योगेश चालीसा ने नशे से होने वाले दुष्परिणामों पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि “नशा न केवल शरीर को नुकसान पहुंचाता है बल्कि व्यक्ति का परिवार भी बर्बादी की कगार पर आ जाता है। जब व्यक्ति मानसिक तनाव में होता है, तब वह नशे की ओर आकर्षित होता है। इससे बचने के लिए उसे बच्चों के साथ समय बिताना, गार्डन में घूमना या कोई रचनात्मक कार्य करना चाहिए।”
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उन्होंने बताया कि आजकल युवा पीढ़ी स्मैक, गांजा, अफीम, चरस और शराब जैसे खतरनाक नशों की गिरफ्त में आ रही है, जिससे वे मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर हो रहे हैं तथा अपराध की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
जे.के. यादव, अध्यक्ष, अधिवक्ता संघ ने अपने वक्तव्य में कहा, “नशा एक सामाजिक बुराई है। हमें स्वयं इससे बचना चाहिए और दूसरों को भी इसके खिलाफ जागरूक करना चाहिए। जो व्यक्ति इसके आदी हो चुके हैं, उनके लिए नशामुक्ति अभियान चलाया जाना आवश्यक है।”
अधिवक्ता आर.एस. सिसौदिया ने कहा कि समाज में फैली नशे की कुरीति को केवल सामाजिक जनजागृति के माध्यम से ही जड़ से समाप्त किया जा सकता है। “स्वयं का सुधार संसार की सबसे बड़ी सेवा है।”
वकील शैलेंद्र ठाकुर ने नशे पर नियंत्रण को अत्यावश्यक बताया और कहा कि यदि अभी प्रयास नहीं किए गए, तो आने वाली पीढ़ियाँ पूरी तरह नशे की गिरफ्त में आ सकती हैं।
वकील शादाब खान ने कहा, “शराब के कारण परिवारों में झगड़े होते हैं, और यह देखा गया है कि न्यायालय में चल रहे अधिकांश प्रकरणों की जड़ में नशा ही है।”
शिविर में नायब नाजिर संतोष खन्ना, न्यायालय खंड पीठ सदस्य रविंद्र अंबिया, अधिवक्ता राजू कनाडे, नोमान अधिवक्ता सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।