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50 लोगों की भीड़ ने घर में घुसकर की थी वारदात, शवों को जला दिया गया; 16 वर्षीय लड़का बचा अकेला गवाह
पूर्णिया (बिहार), 16 जुलाई 2025 — राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (NHRC) ने बिहार के पूर्णिया ज़िले में जादू-टोना करने के संदेह में अनुसूचित जनजाति के एक ही परिवार के पाँच सदस्यों की हत्या और शवों को जलाने की घटना पर स्वतः संज्ञान लिया है। आयोग ने इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन माना है।
आयोग ने बिहार के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। साथ ही, सरकार को घटना के एकमात्र जीवित गवाह 16 वर्षीय किशोर की सुरक्षा और परामर्श सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए हैं।
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पीड़ित लड़के के सामने ही पूरे परिवार की हत्या, आरोपियों ने शवों को जलाया
8 जुलाई को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 6 जुलाई की रात एक 50 लोगों की भीड़ ने पूर्णिया जिले के एक घर में घुसकर जादू-टोना के आरोप में महिला को बांस के डंडों से पीट-पीट कर मार डाला। जब परिवार के अन्य सदस्य महिला को बचाने पहुंचे, तो हमलावरों ने उन्हें भी बेरहमी से मार डाला।
घटना के प्रत्यक्षदर्शी और परिवार का इकलौता जीवित सदस्य 16 वर्षीय लड़का है, जिसने पुलिस को बताया कि हमलावरों ने शवों को उनके घर से 100-150 मीटर दूर ले जाकर जला दिया। बताया गया कि गांव में एक लड़के की मौत और कुछ बीमारियों के लिए ग्रामीण पीड़ित परिवार को जादू-टोना का दोषी मानते थे।
NHRC ने जताई गहरी चिंता
आयोग का कहना है कि यदि मीडिया रिपोर्ट की जानकारी सत्य है, तो यह मामला न केवल मानवाधिकारों के उल्लंघन का गंभीर रूप है, बल्कि यह आदिवासी समुदायों में अंधविश्वास के कारण हो रही हिंसा का भी चिंताजनक उदाहरण है। आयोग ने सरकार से अपराधियों की गिरफ्तारी की स्थिति, पीड़ित के पुनर्वास और सुरक्षा के उपायों की जानकारी भी मांगी है।