‘एक बगिया मां के नाम’ से किसान गणेश पटेल को 4.30 लाख की आय, बने ग्रामीण प्रेरणा
खरगोन, 08 अगस्त 2025।
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अंतर्गत चलाई जा रही उप-योजना ‘एक बगिया मां के नाम’ अब ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आर्थिक स्थिति बदलने का साधन बन रही है। जनपद पंचायत कसरावद के ग्राम ओझरा निवासी प्रगतिशील किसान गणेश पटेल इसका बेहतरीन उदाहरण हैं, जिन्होंने नींबू का बगीचा लगाकर न केवल अपनी आमदनी दोगुनी की, बल्कि अन्य किसानों को भी नई राह दिखाई।
मनरेगा से 3 साल में बनी नींबू की सफल खेती
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गणेश पटेल ने बताया कि तीन वर्ष पूर्व उन्होंने अपने निजी खेत में मनरेगा की नंदन फलोद्यान योजना के तहत 300 नींबू के पौधे लगाए। योजना के अंतर्गत उन्हें मजदूरी के साथ खाद और सामग्री भी पंचायत द्वारा उपलब्ध करवाई गई।
अब नींबू की अच्छी फसल के चलते वे स्थानीय व इंदौर बाजार में 100 से 150 रुपये प्रति किलो के भाव से नींबू बेच रहे हैं। पिछले चार महीनों में उन्होंने लगभग 4.30 लाख रुपये की नींबू बिक्री की है, जिसमें से केवल 1 लाख रुपये का खर्च आया और 3.30 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा मिला।
किसानों को गणेश पटेल की सलाह
गणेश पटेल कहते हैं –
“पारंपरिक खेती से साल में मुश्किल से 50 हजार रुपये बचते थे, लेकिन अब नींबू की खेती से दोगुनी से ज्यादा आमदनी हो रही है। मैं सभी किसानों से कहूंगा कि मनरेगा योजना के तहत ‘एक बगिया मां के नाम’ का लाभ लें और अपने खेतों में नींबू, आम, अमरूद जैसे फलदार पौधे लगाएं।”
जिले में 3500 किसानों को लाभ देने का लक्ष्य
खरगोन कलेक्टर सुश्री भव्या मित्तल ने जनपद पंचायतों को निर्देशित किया है कि ‘एक बगिया मां के नाम’ योजना के तहत 3500 किसानों को लाभान्वित किया जाए। योजना में मजदूरी के साथ-साथ पौधे, दवाई, और तार फेंसिंग की राशि पंचायत के माध्यम से मनरेगा से दी जाएगी।
“इस योजना से न सिर्फ किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिलेगा।” – भव्या मित्तल, कलेक्टर
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