बिना फिटनेस-बीमा के सड़कों पर दौड़ रहे वाहन, जिम्मेदार आंख मूंदे बैठे
बडूद/खरगोन। आकाश बिड़ला की रिपोर्ट
बडूद क्षेत्र में निजी स्कूलों के वाहन बच्चों की जान से खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं। 15 साल से ज्यादा पुराने और फिटनेस अवधि पार कर चुके वाहन स्कूल संचालन में लगे हैं। खतरनाक बात यह है कि इनमें से एक वाहन (MP07TA-0130) ग्वालियर आरटीओ में ब्लॉक है और उस पर FIR दर्ज है। इसके बावजूद यह वाहन बेधड़क बच्चों को स्कूल ला-ले जा रहा है।
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यही नहीं, MP09FA-6799 और MP09FA-337 जैसे दो और एक्सपायर्ड वाहन भी सड़कों पर चल रहे हैं। ये वाहन न केवल नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, बल्कि बच्चों की सुरक्षा को भी गंभीर खतरे में डाल रहे हैं।

सिर्फ कागज़ी खानापूर्ति, सुरक्षा व्यवस्था नदारद
जांच में सामने आया कि अधिकतर स्कूल वाहन:
बिना फिटनेस, बीमा, रजिस्ट्रेशन और परमिट के चल रहे हैं
ड्राइवर-परिचालक वर्दी में नहीं होते
नेम प्लेट, लाइसेंस नंबर नहीं लिखा होता
गाड़ियों में फर्स्ट एड बॉक्स, अग्निशमन यंत्र, स्पीड गवर्नर, GPS तक नहीं लगे हैं
कुछ वाहनों में घरेलू सिलेंडर तक का इस्तेमाल हो रहा है
बारिश के मौसम में वाइपर, लाइट खराब, टायर जर्जर हैं
और कुछ तो सफेद रंग की निजी गाड़ियां हैं, जिन पर स्कूल का नाम तक नहीं लिखा है
राजनीतिक संरक्षण या जिम्मेदारों की लापरवाही?
जानकारी के अनुसार, जिन स्कूलों की ये गाड़ियां हैं, उनके संचालक सरपंच या प्रभावशाली पदों पर हैं। राजनीतिक दबाव के चलते प्रशासन कार्रवाई से बचता नजर आ रहा है। परिवहन विभाग की हर वर्ष होने वाली जांच भी महज 2-4 दिन की खानापूर्ति बनकर रह गई है।
अभिभावकों की चेतावनी: अब और चुप नहीं रहेंगे
अभिभावकों का कहना है कि—
“हम मजबूरी में बच्चों को इन्हीं खटारा वाहनों से भेजते हैं, लेकिन अब बर्दाश्त नहीं करेंगे। ऐसे वाहन जब्त कर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।”
परिवहन अधिकारी का बयान
रितु अग्रवाल, परिवहन अधिकारी, खरगोन ने बताया—
“MP07TA-0130 वाहन का फिटनेस एक्सपायर है। यह ग्वालियर आरटीओ में ब्लॉक है और इस पर FIR दर्ज है। जांच करवा रही हूं, पुलिस केस बनेगा।”
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