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द इंडिया स्पीक्स डेस्क| रितेश दुबे
छिंदवाड़ा, 18 जुलाई। मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा ज़िले में खाद की आपूर्ति को लेकर संकट और गहरा गया है। शुक्रवार सुबह अमरवाड़ा में खाद नहीं मिलने से नाराज़ किसानों ने सड़क पर बैठकर धरना प्रदर्शन किया। किसानों का कहना है कि वे सुबह चार बजे से लाइन में लगे हुए थे, लेकिन उन्हें खाद तो दूर, टोकन तक नहीं मिल पाया।
एक दिन पहले गुरुवार को भी छिंदवाड़ा ज़िला मुख्यालय पर ऐसी ही स्थिति देखने को मिली थी, जब बड़ी संख्या में किसान बिना खाद लिए लौटने को मजबूर हो गए।
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कमलनाथ का ट्वीट: “किसानों को झूठे आश्वासन देना बंद करे प्रशासन”
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा की स्थिति पर चिंता जताते हुए शुक्रवार सुबह अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से प्रशासन को चेतावनी देते हुए लिखा:
“मैंने कल भी चेतावनी दी थी और आज फिर कह रहा हूँ कि प्रशासन तत्काल किसानों को राहत पहुँचाए। किसानों को झूठे आश्वासन देना बंद करे। किसानों को जितनी खाद की आवश्यकता है, उतनी उपलब्ध कराए।”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन जानबूझकर किसानों को परेशान कर रहा है, जबकि यह स्पष्ट है कि फसल के लिए खाद की आवश्यकता किस समय होती है।
किसानों की शिकायतें: “टोकन भी नहीं मिल रहा”
किसानों ने बताया कि वे सुबह से लाइन में लगे रहते हैं, लेकिन टोकन के बिना उन्हें खाद की गारंटी नहीं दी जाती।
एक किसान ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा—
“जब तक हमें खाद मिलेगी, तब तक हमारी फसल को उसकी ज़रूरत ही नहीं रहेगी। इस हालत में खाद का मिलना और ना मिलना एक बराबर है।”
प्रशासन के आश्वासन पर सवाल
स्थानीय किसानों का आरोप है कि प्रशासन सिर्फ़ मौखिक आश्वासन दे रहा है, लेकिन खाद वितरण की कोई पारदर्शी व्यवस्था नहीं बनाई गई। डीलर नेटवर्क पर भी कोई नियंत्रण नहीं है, जिससे खाद की कालाबाज़ारी और असमान वितरण की आशंका बढ़ गई है।