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सीधी (मध्यप्रदेश) | The India Speaks डेस्क
मध्यप्रदेश के सीधी ज़िले के खड्डी खुर्द गांव की गर्भवती महिलाओं ने जब प्रशासन और नेताओं से पक्की सड़क बनाने की मांग की, तो उन्हें मिला एक अजीब और असंवेदनशील जवाब—”डिलीवरी की डेट बता दो, उठवा लेंगे”।
यह बयान किसी और ने नहीं, बल्कि क्षेत्रीय BJP सांसद राजेश मिश्रा ने दिया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर आलोचनाओं की बाढ़ आ गई है।
महिला की अपील: “पिछली बार भाभी को कंधे पर ले जाना पड़ा था”
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गाँव की गर्भवती महिला लीला साहू ने कहा,
“पिछली बार जब भाभी को प्रसव पीड़ा हुई थी, तब एंबुलेंस नहीं आई और उन्हें कंधे पर उठाकर अस्पताल ले जाया गया। अब बारिश के चलते हालात और खराब हो गए हैं, इसीलिए हम सड़क की मांग कर रहे हैं।”
लीला के साथ गाँव की 7 और महिलाओं ने एक वीडियो बनाकर सड़क निर्माण की गुहार लगाई थी।
BJP सांसद बोले: “सड़क सांसद नहीं बनाता”
जब मामला सामने आया, तो सांसद राजेश मिश्रा ने कहा:
“डिलीवरी की डेट बता दो, हम उठवा लेंगे। सड़क सांसद नहीं बनाता, वो PWD मंत्री बनाता है।”
सांसद के इस बयान पर विरोधी दलों ने तीखा हमला बोला है।
मंत्री राकेश सिंह ने भी झाड़ा पल्ला
PWD मंत्री राकेश सिंह ने बयान दिया कि,
“सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट कर देने से सड़क नहीं बनती, उसके लिए बजट और प्रक्रिया होती है।”
उन्होंने मामले को “अनावश्यक प्रचार” करार दिया।
विपक्ष और जनता का गुस्सा: “क्या यही संवेदनशीलता है?”
कांग्रेस समेत कई संगठनों ने BJP नेताओं के बयानों को “असंवेदनशील और अहंकारपूर्ण” बताया।
यूज़र्स सोशल मीडिया पर सवाल उठा रहे हैं कि जब बुनियादी सुविधा जैसे सड़क की मांग पर गर्भवती महिलाओं को इस तरह के जवाब मिलते हैं, तो विकास के दावे कितने सच्चे हैं?
📹 वीडियो वायरल: जनसरोकार की आवाज़ को मिली राष्ट्रीय पहचान
लीला साहू का वीडियो अब ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर तेज़ी से वायरल हो रहा है। #PregnantForRoad #MPReality जैसे हैशटैग ट्रेंड में हैं।
🔍 क्या होगी अगली कार्रवाई?
दबाव के बाद सांसद ने बाद में सफाई दी कि सड़क का काम जल्द शुरू होगा, लेकिन अब लोग जवाब नहीं, ज़मीन पर काम देखना चाहते हैं।
जिले के अधिकारियों की ओर से कोई ठोस तिथि अब तक सामने नहीं आई है।
🗣️ The India Speaks की राय:
“जब एक आम नागरिक, वह भी गर्भवती महिला, सड़क जैसी ज़रूरी सुविधा के लिए नेताओं से भीख मांगे और बदले में ताने सुने—तो असल समस्या सिर्फ सड़क की नहीं, सिस्टम की है।”