नोएडा | 1 अगस्त 2025
“हेलो, मैं साइबर क्राइम ब्रांच से चड्ढा सिंह बोल रहा हूँ… आपके कंप्यूटर में पोर्न वायरस मिला है। अब सेटलमेंट चाहोगे या कानूनी कार्रवाई?”
ऐसी ही डरावनी स्क्रिप्ट से चलाया जा रहा था एक फर्जी कॉल सेंटर, जिसका पर्दाफाश नोएडा पुलिस ने किया है। गिरोह ने हजारों विदेशी नागरिकों को अपना शिकार बनाया। कॉल सेंटर से कुल 18 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें 2 महिलाएं भी शामिल हैं।
🔍 कैसे करते थे हाईटेक ठगी?
📞 7772828778 | 7723024600
यह गिरोह गूगल ऐप्स और अमेरिकी डेटा वेंडर्स से विदेशी नागरिकों का डेटा खरीदता था और उन्हें कॉल करता था।
फिर खुद को क्राइम ब्रांच, CBI या टेक्निकल सपोर्ट एजेंट बताकर कहते — “आपकी डिवाइस हैक हो चुकी है, स्क्रीन हमारे पास है, अब अगर सहयोग नहीं किया तो आपके खिलाफ केस बनेगा।”
लोग डर के मारे:
रिमोट ऐप डाउनलोड कर लेते थे (UltraViewer, TeamViewer)
कार्ड डिटेल्स या गिफ्ट वाउचर कोड दे देते थे
या सीधे $500–$1000 तक ट्रांसफर कर देते थे
🧠 पुलिस ने क्या जब्त किया?
23 लैपटॉप
17 मोबाइल फोन
हेडसेट, चार्जर, स्क्रिप्ट शीट
फर्जी Microsoft एजेंट कार्ड्स
विदेशी नागरिकों का संवेदनशील डेटा
🚔 किसने की कार्रवाई?
नोएडा फेस-3 थाना व क्राइम रिस्पांस टीम ने इस गिरोह पर छापा मारा।
पूछताछ में पता चला कि आरोपी अमेरिकी नागरिकों को टारगेट करते थे ताकि भारतीय कानून से बच सकें। गिरोह पिछले कई महीनों से सक्रिय था और अब तक 1000 से ज्यादा लोग इनके जाल में फँस चुके हैं।
❗ पुलिस की चेतावनी:
“कोई भी खुद को अधिकारी बताकर पैसे मांगे, तो तुरंत 1930 पर कॉल करें।”
“सरकारी एजेंसियाँ कभी फोन पर सेटलमेंट नहीं करतीं।”
🔸 The India Speaks की राय:
आज ठग केवल एटीएम कार्ड या OTP तक सीमित नहीं हैं — अब वे “क्राइम ब्रांच अफसर” बनकर भी ठगते हैं। जागरूक रहें, सतर्क रहें।