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द इंडिया स्पीक्स | बड़वानी ब्यूरो
बड़वानी। मध्यप्रदेश के बड़वानी जिले में निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावकों में जबरदस्त नाराजगी है। किताब-कॉपी से लेकर यूनिफॉर्म और स्टेशनरी तक की खरीदी पर स्कूलों ने अभिभावकों को बंधक बना दिया है। स्कूल प्रबंधन न सिर्फ अभिभावकों को तय दुकानों से ही महंगे दामों पर सामान खरीदने को मजबूर कर रहे हैं, बल्कि उसके एवज में मोटा कमीशन भी ले रहे हैं।
50% तक महंगी हो चुकी हैं कॉपियां, स्कूल-कमीशन का खेल
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अभिभावकों का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस बार कॉपियां 50 फीसदी तक महंगी हो चुकी हैं। रबर, पेंसिल और अन्य सामानों में भी 10–20% की बढ़ोतरी हुई है। इसके पीछे कारण बताया जा रहा है कि निजी स्कूल प्रबंधन खास दुकानों से सांठगांठ कर चुके हैं, जो मनमाने रेट पर सामान बेच रहे हैं। बदले में स्कूलों को कमीशन मिलता है।
“स्कूलों ने फिक्स की दुकानें, प्रशासन बेखबर”
अभिभावक अजय वासनिया ने बताया, “स्कूल प्रबंधन ने यूनिफॉर्म, बैग, स्टेशनरी और किताब-कॉपी तक के लिए अपनी-अपनी दुकानें फिक्स कर दी हैं। इन दुकानों से ही खरीदने का दबाव बनाया जा रहा है। मैंने एसडीएम, तहसीलदार और जनसुनवाई में तीन बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।”
नया सत्र, नई लूट: फीस, डोनेशन और ट्रांसपोर्ट सब महंगा
प्राइवेट स्कूल एडमिशन के नाम पर भी मनमाना डोनेशन वसूल रहे हैं। कांग्रेस नेता राकेश सिंह जाधव ने कहा, “साधन और सुविधाएं भले ही पर्याप्त न हों, लेकिन एडमिशन, फीस और अन्य मदों में मोटी रकम वसूली जा रही है। बच्चों के ट्रांसपोर्ट किराए में भी वृद्धि हो चुकी है।”
1 जुलाई से शिक्षा सत्र शुरू, जेब पर बढ़ा भार
जयस के प्रदेश प्रवक्ता संदीप नरगावे ने बताया, “1 जुलाई से नए शिक्षा सत्र की शुरुआत हो चुकी है और अभिभावक स्टेशनरी दुकानों में लाइन लगाए खड़े हैं। कॉपी-किताबों, यूनिफॉर्म और अन्य सामग्रियों के दामों में 35–50% तक की वृद्धि हो चुकी है।”
सांसद ने दिए कार्रवाई के निर्देश
इस मामले में राज्यसभा सांसद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने भी दखल दिया है। उन्होंने कहा, “कुछ पालकों और छात्रों ने इस विषय में शिकायत की है। मैंने कलेक्टर बड़वानी को निजी स्कूलों की मनमानी पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।”