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The India Speaks | हेमंत नागझिरीया

बड़वानी, अंजड़
छोटा बरदा गांव में नर्मदा नदी पर बन रहे नए पुल ने पारंपरिक नाविक समाज की आजीविका पर संकट खड़ा कर दिया है। शुक्रवार को नाविक समाज के सैकड़ों लोग पुल निर्माण के विरोध में धरना प्रदर्शन पर बैठ गए। उनका कहना है कि अगर यह पुल बन गया, तो नाव चलाने की सदियों पुरानी परंपरा और उससे जुड़ी आजीविका खत्म हो जाएगी।


“पुल बना तो खत्म हो जाएगी रोजी-रोटी” – नाविक समाज की पीड़ा

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धरने में मौजूद नाविक समाज के प्रतिनिधि नरेंद्र केवट ने बताया कि गांव के सैकड़ों परिवार नर्मदा नदी में नाव चलाकर जीवन यापन करते हैं। “हमारे पुरखे भी यही करते आए हैं। अब पुल बनने से यह सब खत्म हो जाएगा। हमें बेरोजगार बना दिया जाएगा,” – उन्होंने कहा।


राजघाट मॉडल का दिया सुझाव – नौकरी या भूमि का हो प्रावधान

नाविक समाज ने प्रशासन को सुझाव दिया कि राजघाट पुल की तरह यहाँ भी पुनर्वास के उपाय किए जाएं। वहां समाज के शिक्षित युवाओं को नौकरी और अन्य लोगों को कृषि भूमि दी गई थी। छोटा बरदा के लोग भी उसी तरह की आर्थिक सुरक्षा और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं।

बता दें, नाविक समाज इससे पहले भी धार और बड़वानी के एसडीएम को कई बार ज्ञापन सौंप चुका है, लेकिन अब तक उन्हें ठोस आश्वासन नहीं मिला।


प्रशासन पहुँचा धरनास्थल, समस्याएं सुनीं, भरोसा दिलाया

धरना स्थल पर प्रशासन की ओर से तहसीलदार भूपेंद्र भीडे, नायब तहसीलदार आदित्य प्रताप सिंह चौधरी और टीआई नारायण रावल पहुंचे। उन्होंने नाविक समाज की बात सुनी और समझाइश के साथ समाधान का भरोसा दिलाया।

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