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📍 भोपाल से विशेष रिपोर्ट | The India Speaks
ईसी जारी करने में अनियमितताओं पर सख्ती, सिया चेयरमैन और पर्यावरण विभाग के बीच टकराव के बाद हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई
🏛️ सिया ऑफिस सील और भ्रष्टाचार के आरोप के बाद शासन सख्त
भोपाल में सिया (SEIAA) के चेयरमैन शिवनारायण सिंह चौहान के दफ्तर पर हुई सीलिंग कार्रवाई और 450 से अधिक पर्यावरणीय अनुमतियां (ईसी) जारी करने को लेकर उठे सवालों के बाद मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दो IAS अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश दिया है।
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नवनीत मोहन कोठारी और उमा महेश्वरी आर को पर्यावरण विभाग व एप्को से हटाकर अशोक वर्णवाल और दीपक आर्य को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
🔄 कौन हटे, कौन आए? – प्रशासनिक फेरबदल की पूरी सूची
नवनीत कोठारी (2001 बैच IAS) — हटाए गए, बनाए गए राजभवन में प्रमुख सचिव
उमा महेश्वरी आर (2013 बैच IAS) — एप्को महानिदेशक पद से हटाई गईं
अशोक वर्णवाल (1991 बैच IAS) — बनाए गए अपर मुख्य सचिव, पर्यावरण और एप्को महानिदेशक
दीपक आर्य — बने एप्को के कार्यपालन संचालक
चन्द्रमौली शुक्ला (2011 बैच IAS) — अब अपर सचिव का अतिरिक्त प्रभार
केसी गुप्ता — बने अपर मुख्य सचिव, कुटीर एवं ग्रामोद्योग
अमित राठौर — अतिरिक्त प्रभार से मुक्त
⚠️ क्या है सिया विवाद?
14 जुलाई 2025 को, भोपाल स्थित सिया (SEIAA) दफ्तर को सील कर दिया गया। यह कार्रवाई नवनीत मोहन कोठारी के निर्देश पर की गई थी, जो उस समय पर्यावरण विभाग के प्रमुख सचिव थे। लेकिन सिया चेयरमैन शिवनारायण सिंह चौहान ने इस पर गंभीर आरोप लगाए।
उन्होंने कहा – “मैंने 450 ईसी में हुए भ्रष्टाचार को उजागर किया था, इसलिए बदले की भावना से मेरे दफ्तर को सील किया गया।”
📄 ईसी जारी करने की वैधानिक प्रक्रिया पर उठे सवाल
सिया चेयरमैन ने कहा कि ईसी जारी करने का अधिकार केवल भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय और सिया को है, लेकिन नवनीत कोठारी ने खुद के स्तर पर 237 मामलों में ईसी जारी कर दी, जो नियमों के खिलाफ है।
चौहान ने यह भी बताया कि पिछले 65 दिनों से सिया की कोई बैठक नहीं हुई थी, जो एक गंभीर प्रशासनिक चूक है।
🔎 The India Speaks विशेष विश्लेषण
यह मामला सिर्फ प्रशासनिक टकराव का नहीं, बल्कि नीतिगत पारदर्शिता और पर्यावरणीय स्वीकृतियों की वैधता से जुड़ा है।
मुख्यमंत्री का यह कदम सत्ता के भीतर जवाबदेही सुनिश्चित करने का संकेत देता है।