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ग्वालियर | द इंडिया स्पीक्स डेस्क
भारतीय जनता पार्टी की ग्वालियर-चंबल सियासत एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार बयानबाजी की शुरुआत की विधानसभा अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता नरेंद्र सिंह तोमर ने, जो ज्योतिरादित्य सिंधिया पर तंज कसते नज़र आए।
‘मैं लाया’ पर तंज
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रविवार को ग्वालियर में एक कार्यक्रम के दौरान नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा,
“गांव-गांव तक सड़क, बिजली, नल-जल योजनाएं पहुंच रही हैं, लेकिन ये मेरे या मुरैना सांसद के कारण नहीं बल्कि भाजपा सरकार की नीति और नेतृत्व का परिणाम है।”
हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन ‘मैं लाया, मैं लाया, मैं… मैं’ कहकर जिस अंदाज में उन्होंने कटाक्ष किया, उसे सीधे ज्योतिरादित्य सिंधिया के बयानबाजी स्टाइल से जोड़कर देखा गया।
सिंधिया-खंडेलवाल-तोमर: BJP में दिखी खुली खाई
ग्वालियर दौरे पर आए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल की अगवानी के लिए सिंधिया नदारद रहे। वहीं, खंडेलवाल ने भी तोमर से औपचारिक भेंट नहीं की। इसे लेकर स्थानीय कार्यकर्ता भी चर्चा में रहे कि क्या अब भाजपा में भी ‘अपनी-अपनी भाजपा’ का दौर आ गया है?
‘टाइगर अभी जिंदा है’ vs ‘मूल नेता’ की लड़ाई
इससे पहले अप्रैल 2025 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने X पर पोस्ट कर कहा था, “टाइगर अभी जिंदा है!” — यह बयान भी तोमर को चुनौती देने वाले अंदाज में देखा गया था।
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में भाजपा कार्यकर्ता दो खेमों में बंटे हुए हैं —
एक तरफ तोमर को स्थानीय और ज़मीनी नेता माना जाता है,
दूसरी तरफ सिंधिया समर्थक उनकी राजनैतिक विरासत और दिल्ली की पहुंच को ताकत मानते हैं।
क्या चुनावी समीकरण बदलेंगे?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार तोमर का यह बयान न सिर्फ सिंधिया पर हमला है, बल्कि यह BJP की आने वाली रणनीति और सीट बंटवारे पर भी असर डाल सकता है।